स्वच्छ भारत
बिखरा कूड़ा, रुका हुआ पानी
मच्छर - मक्खी पास बुलाते हैं
रोगाणुओं को न्यौता पहुंचाकर
हम सब को बीमार कर देते हैं....
बिखरेगा नहीं अब कूड़ा-करकट
स्वच्छता को हमने अपनाया है
बिखेरेंगे नहीं हम कूड़ा-करकट
हम सबने अब मन में ठाना है....
घर में सफाई, बाहर सफाई
शहर को सुन्दर बनायेंगे
बापू का सपना साकार करेंगे
स्वच्छता में ही शिक्षा पाएंगे....
गलियाँ होंगी सुन्दर–सुन्दर
मौहल्ले की रौनक बढ़ जायेगी
पार्क होंगे बिन कूड़े-करकट
शहर की सुन्दरता बढ़ जायेगी....
पहले खुद फिर दूसरों को बताकर
सम्पूर्ण स्वच्छता को अपनाएंगे
स्वच्छता की ओर कदम बढ़ाकर
दुनिया में भारत का मान बढ़ाएंगे.
विजय जयाड़ा 17.07.15
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